
आईने का सच
*क़ानून ए फ़ितरत पर यक़ीन रखना, है सच्चा ईमान है.
*बे खौफ होकर वजूद की गहराइयों में डूबें, अपने आप से सवाल करें कि आप क्या हैं?
* जो जवाब मिलें वही आप हैं.
*आपकी विरासत ने आप को जाने क्या क्या बना रक्खा है,
*माहौल के कठ मुल्लाओं ने आपको गुमराह कर रखा है.
*हम जुग्राफियाई एतबार से अपनी ज़मीन की रचना हैं,
*ऐतिहासिक सांचों ने हमारे पैकर को गलत ढाल दिया है.
*हजारो इलाकाई और तबक़ाती खुदा वहदानियत की तलवार से अगर झूठे साबित हो चुके है,
*तो अभी यह साबित होना बाकी है की खुदा वाहिद है,
*खुदा है भी या नहीं?
*हम सिर्फ एक इंसान हैं, हमारे धर्म की खुशबू इंसानियत होनी चाहिए.
* जब इंसानियत का फूल पूरी तरह से खिल उठेगा तो ज़मीन पर फैली तमाम ग़लाज़तें अपने आप काफ़ूर हो जाएंगी.
* मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना - - - सबसे बड़ा झूट है.
जुनैद 'मुंकिर'
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