
गहरवार
*किसी ज़माने में कोहे विन्ध्याचल के दामन में गहरे जंगल हुवा करते थे, इस लिए यहाँ बसने वाले सूर्य वंशी और चन्द्र वंशी कौमें गहरवार कही जाती थीं. यानी गहरे जंगल के बशिदे.
*दूसरी वजेह गहरवार कहलाने की, राजा राम चन्द्र जी के नस्लों में नामवर राजा, राजा किशन हुए, जिनके बेटे गुहरदीप हुए, जिनकी औलादों ने चारो तरफ बिखर कर राज स्थापित किए. उनकी औलादे गहरवार कहलाईं.गहर दीप की नस्लों में से कुछ कबीले ने जंगल को ही अपना निवास बनाया जिन्हें आज खाना बदोशों की शक्ल में देखा जा सकता है. वह खुद को गहरवार कहते हैं. इनका इतिहास सीना बसीना आज तक जिंदा है. इनकी गाथा से तसव्वुर कायम किया जा सकता है कि इनके पूर्वजों ने मुहज्ज़ब दुन्या के आए दिन के जंगी खून खराबे से तंग आकर जंगल में रहना पसंद किया. कहीं यह हिन्दू मुआशरे से मुतास्सिर हैं तो कहीं मुस्लिम मुआशरे से. इन्हीं के मुताबिक इनके नाम हुवा करते हैं.
*तीसरी वजह गहरवार के नाम क़ी तारीख वोस्ता से मालूम होता है कि राजा जय चन्द और राजा मानिक चन्द के पांचवें पितामह राजा चन्द्र देव गाहड़वाल को, जिन्हें राजा वन्नर भी कहा जाता था,जिनके नाम से काशी का नाम वाराणसी पड़ा जो बिगड़ कर बनारस हुवा, फिर सुधर के वाराणसी हुवा. गाहड़वाल बदलते बदलते गहरवार हो गया.
अँगरेज़ मुवर्रिख ग्रीस लिखता है - - -
"पहले काशी राज गहरवारों के हुकूमत में शामिल था, गोकि वहाँ के राजा आज बरहमन हैं, चूंकि गहरवारों ने हमेशा बरह्मनो की कद्र की है इस लिए हो सकता है गहरवारों ने दान या सम्मान में बरह्मनो को दे दिया हो. आज भी कहीं कहीं गहरवार कशी नरेश कहलाते हैं."
*कौम बुंदेला भी गहरवारों से निकली हुई है. राजा गहरदीप की दसवीं पुस्त राजा वीर भद्र हुए, उनकी दो रानियाँ थीं. पहली से कई औलादें थी और दूसरी से सिर्फ़ एक बेटा हुआ, "पंचम देव गहरवार".
*कौम बुंदेला भी गहरवारों से निकली हुई है. राजा गहरदीप की दसवीं पुस्त राजा वीर भद्र हुए, उनकी दो रानियाँ थीं. पहली से कई औलादें थी और दूसरी से सिर्फ़ एक बेटा हुआ, "पंचम देव गहरवार".
रवायत है कि पंचम देव अपने सौतेले भाइयों से तंग आकर बगरज़ खुद कुशी ज़ेरे दामन कोह विन्ध्याचल, 'वासनी देवी' की मंदिर गए और देवी के आगे अपनी गर्दन पर तलवार मारी. गर्दन तो न कटी मगर खून की कुछ बूँदें देवी को अर्पित हो गईं.
कहते हैं देवी नमूदार हुई और कहा - - -
" जा तेरी क़ुरबानी कुबूल हुई, तू आगे चल कर एक बड़ा राजा बनेगा. तूने मुझे अपनी खून की बूंदें दी है, इस लिए तेरी संताने बुंदेला कहलाएंगी.
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